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निदेशालय
सैनिक कल्याण
राज्य
सरकार को गौरव सेनानियों तथा उनके आश्रितों के कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में दिशा-निर्देश
व सलाह प्रदान करने के लिए महामहिम राज्यपाल की अध्यक्षता में सैनिक कल्याण बोर्ड का
गठन किया हुआ है। निदेशक, सैनिक कल्याण
विभाग इस बोर्ड के पदेन सचिव है।
राज्य
स्तर पर गौरव सेनानियों एवं उनके आश्रितों के पुनर्वास एवं कल्याण संबंधी कार्यो के
संपादन हेतु निदेशालय सैनिक कल्याण की स्थापना की गई। सैनिक कल्याण विभाग, राजस्व, वक्फ व सैनिक
कल्याण मंत्रालय का अंग है। प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव
व उप शासन सचिव, सैनिक कल्याण
श्रंखलाबद्ध शासन स्तर पर क्रियाशील है। इस निदेशालय की मुख्य भूमिका निम्नवत है -
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गौरव सेनानियों एवं उनके आश्रितों के पुनर्वास एवं कल्याण संबंधी प्रकरणों में केन्द्र
सरकार एवं राज्य सरकार के मध्य समन्वय स्थापित करना।
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गौरव सेनानियों एवं उनके आश्रितों के पुनर्वास हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं
का संचालन करनां
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प्रदेश में सभी जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों के कार्य-क्लापों पर नियंत्रण एवं दिशा-निर्देश
जारी करना।
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प्रदेश सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, निगमों, संस्थानों, विभागों
आदि से समन्वय स्थापित करते हुए पूर्व सैनिकों का पुनर्वास करना।
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गौरव सेनानियों एवं उनके आश्रितों तथा सेवारत सैनिकों के परिवारों के कल्याण संबंधी
कार्य।
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भारत सरकार से सैनिक कल्याण विभाग के स्थापना व्यय के 50 प्रतिशत की भागीदारी प्राप्त
करना।
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गौरव सेनानियों एवं उनके आश्रितों को स्व-रोजगार में सहायता प्रदान करना।
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गौरव सेनानियों एवं उनके आश्रितों के कल्याणार्थ स्थापित सभी निधियों का संचालन करना।
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भारत सरकार द्वारा गौरव सेनानियों के लिए समय-समय पर निर्गत निर्देशों / आदेशों का
प्रचार प्रसार करना।
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हर जिले में दो वर्ष में एक बार गौरव सेनानियों की रैलियॉं आयोजित करना
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सशस्त्र सेनाओं की भर्ती रैलियां आयोजित करने में मदद करना।
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राज्य सरकार, सशस्त्र
सेना झण्डा दिवस (07 दिसम्बर) का आयोजन करते हुए आम जनता को सैनिकों के बलिदान के
प्रति जागरूक करते हुए प्रतिवर्ष कल्याणार्थ अधिक से अधिक धन इकट्ठा करना।
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